स्वप्न सिद्धि swpn siddhi

परम चेतना

दोस्तों नमस्कार मैं दीपक गौतम एक बार फिर से आप सभी के समक्ष हाजर हूं आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे साधक वर्ग
के विषय में जो बहुत ज्यादा लात है कि उनको भूत प्रेत साधना करा दी जाए उनको पिशाच साधना करा दी जाए उनको कण पिशाच नहीं करा दी जाए काम पिशाच नहीं पता नहीं कौन-कौन सी साधना लेकर आते हैं यार और पिछले कुछ समय में इन लोगों की जनसंख्या इतनी बड़ी है जिसका कोई अनुमान नहीं है हर आदमी पता नहीं क्यों पता नहीं क्यों साधक मतलब साधक तो होना ही नहीं चाहता है व साधना के दूसरे बात पर ही निकल चुका है जिसको देखो भूत वस में करना है जिसको देखो वह कर व करना है पता नहीं क्यों आखिर सब क्यों करना चाहते हैं और इनके कितने नुकसान हो सकते हैं यह आपको पता नहीं है जो आपके परिजन है आपके परिचित व्यक्ति हैं आपके गुरु हैं जो भी आपके सर्कल में रहते हैं वो तो आपको बता देते हैं कि यह साधना इस इस तरह से काम करती है और फलाना बाबा इस तरह से साधना से काम लेता है य इस आदमी ने ऐसे ऐसे साधना
करके यह प्राप्त किया है यह क्या वो क्या और आप उठाते हो अपना सारा तामझाम और बस शुरू कर दे शुरू कर देते हो कोई सिखा दे कोई बता दे कोई भूत करा दे प्रेत करा दे यार पूरा दुनिया में पूरी दुनिया में लोग भूत प्रेत पिशाच डंकिनी अखनी खा किनी सा किनी पता नहीं कितनी तरह की प्रेत आत्माएं होती है एंटिटीज होती है जो अलग-अलग योनि में भी होती है कई बार मनुष्य जब मरता है तो वो भी उन योनि में प्रवेश कर जाता है ठीक है वो भी होता है कुछ प्राकृतिक रूप से भी होती है मतलब दुनिया में लोग इनसे छुटकारा पाने के लिए पूरी दुनिया घूम रही है ठीक है और आप बकायदा पैसे देकर उसको खरीदना चाहते हो ठीक है और जो लोग परेशान है जीवन में इन चीजों से वो तो चलो ठीक है वो तो उनको पूछते नहीं है
उनके साथ उनका कोई रिलेशन नहीं है कोई साधना नहीं की कुछ नहीं कि वो परेशान है और तुम तो उनका नाम ही जपना चाहते हो तुम तो उनका मंत्र ही जपना चाहते हो तुम तो उनको साधना ही करना चाहते हो तो बताइए यार कि आपकी साधना में आप उसकी साधना से ऐसा क्या पा लोगे जो व रोगी नहीं पा पा रहा है रोग ही नहीं पा सकता व बस फर्क सिर्फ इतना है कि कुछ लोग को जान मतलब अनजाने में या फिर कई बार कई कुछ क्रियाओं के माध्यम से उस व्यक्ति तंत्र लगा कर के उनसे वो चीज लगा दी जाती है और हा इसी यही काम करते हैं लोग और कुछ नहीं कर पाते जब आप विक्षिप्त एनर्जी को जो मानसिक रूप से विकृत है और आप उसे अपने जीवन में लाओगे तो आप यह मत सोचना कि इसके बाद आप कुछ भला कर पाओगे जीवन में लोगों को या खुद का भला कर पाओगे य तो भूल जाओ आप सिर्फ लोका हित करोगे क्योंकि आपकी चेतना उसकी चेतना से जुड़ जाएगी आपका ओरा उसके ओरा से जुड़ जाएगा वो आपके डीएनए से जुड़ जाएगी एंटिटी वो आपके ब्लड लाइन से जुड़ जाएगी और फिर आपकी सोल से जुड़ जाएगी ठीक है पूरी तरीके से आपको चारों तरफ से पोजेस कर लेगी और आप उसके जो प्रक्रियाएं होती है कुछ प्रकार के भोग के माध्यम से कुछ प्रकार के चीजों के माध्यम से उनको दे करके
प्रोसेस कंप्लीट करके उसे काम करा देते हैं तो व काम तो कर देता है उसको तो तुम भोजन दे रहे हो उसको ऊर्जा दे रहे हो आप ठीक है वो आपका काम कर देगा लेकिन आपको अंदर से कितना विकृत बना रहा है आपको मालूम है आपको नहीं मालूम और यह आपको ही नहीं आपकी आने वाली कितनी पीढ़ियों को खराब करेगा क्यों क्योंकि व आपके डीएनए
में पहुंच चुका है अब आपका डीएनए आपकी औलाद में भी होगा आपका डीएनए आपकी औलाद में होगा फिर उनकी औलाद में भी होगा फिर उनको भी वह समस्या होगी फिर वही लोग भूत प्रेत जो बाधा जो होती है उस बाधा के नाम पर वह पूरी दुनिया में इलाज करा रहे होते हैं क्योंकि आपने उसको सौगात में दे दी व एंटिटी आप उसको सत में दे दोगे किले भैया हम तो मर रहे हैं हमारे पास कुछ नहीं है ना धरती है ना अंबर है ना जमीन है ना जायदाद है ना सफिया है कुछ नहीं है हमारे पास साला भूत है लेले इसको वह आप उनको देकर चले जाते हो और जाते भी कहीं नहीं हो जब आपकी मृत्यु होती है तो वह प्रेत या व एनर्जी जिससे आप बहुत ज्यादा जुड़े ते व आपकी मुक्ति को रोक देती है कक आपने उसे जोड़ के रखा हुआ है खुद को वो आपकी मुक्ति कैसे होने देगा वो तो आपको खींचेगा ना अपने पास आपको वही बनाएगा जो वो खुद है और फिर आप भी भूत प्रेत बन कर के दूसरे के शरीर में ट्रेवल करोगे उनके ब्लड में ट्रेवल करोगे और यही कर्मकांड करोगे जो होते आ रहे हैं इन एनर्जी को पूजने से यह होता लेकिन फिर भी मतलब भरा पड़ा है यार भूत प्रेत पिशाच भूत प्रेत पिशाच डंकिनी योगिनी पिशाच नहीं पता नहीं कौन ककन सी एनर्जी जिन बेताल इसके पीछे ऐसे पड़े हुए हैं लोग जैसे मतलब कोई खजाना मिल गया यह चीज मैं आपको गहराई से बताऊ तो यह काम कैसे करती है देखिए जब आप जीवन में आपका एक ऊर्जा का पात है यह बात समझिए कि आपकी ऊर्जा का एक पात है जिससे आपकी पूरी लाइफ चल रही है आपका डीएनए आपकी नाणिज आपका ब्लड और आपका पूरा य भौतिक शरीर और आपके ऊर्जा शरीर ठीक अब इस ऊर्जा पाथ में ऑलरेडी क्या होता है कि हम अपने
पुरखों से अपने डीएनए के माध्यम से बहुत से बहुत से कर्स श्राप पाप बहुत से एंटिटीज बहुत से ब्लैक मैजिक हम ऑलरेडी
वहां से लेकर के आए हैं ठीक है जबकि वह तो फिर भी सूक्ष्म रूप में काम कर रहे हैं लेकिन आप तो यहां प्रत्यक्ष रूप से एक
एंटिटी को लेने जा रहे हैं और आप बताइए कि फिर आपका क्या होगा अरे भा साधक बनना चाहते हो तो अपने ऊर्जा पात को सुधार करके क्लीन करके अपने आप को ईश्वर से जोड़ना होता शाश्वत शक्तियों जोड़ना होता है मैं इसलिए तो बोलता हूं शिव शक्ति साधना करो मैं कभी रिकमेंड नहीं करता हूं कि भैया भूत साधना कर लो प्रेत साधना कर लो पसाद साधना कर लो
मैं रिकमेंड नहीं करता हूं और अगर करता भी हूं कि तुम यह कर नहीं ला तो वह तब जब तुम शिव शक्ति की साधना कर लो तो यह सारी शक्तियां आपके आवाज मानने मात्र से आ जाएंगे आप बैठोगे आवाहन करोगे वो आ जाएंगे क्योंकि वो उनके आधीन है ठीक लेकिन फिर भी लोग उसी के पीछे पड़े होते हैं आपको मालूम है कि इस तरह की शक्तियां आपके डीएनए में आपके रा में फीड होक के आपके अंदर बीमारी पैदा करती है आपके अंदर रोग पैदा करती है क्योंकि कहीं ना कहीं एनर्जी जो होती हैं नेगेटिव टाइप की होती है अब नेगेटिव एनर्जी का क्या होता है कि वो आपकी पॉजिटिव एनर्जी को खा कर के अपनी नेगेटिव एनर्जी चार्ज को वहां छोड़ देता है ठीक है उनका यही सिद्धांत है आपकी पॉजिटिव एनर्जी खाएगा और उ उसका भक्षण
करेगा वो और फिर वह नेगेटिव चार्ज को आपकी बॉडी में छोड़ देगा आपके डीएनए में छोड़ देगा और वही चीजें फिर बीमारी बनकर पैदा होती हैं अरे उसको तो छोड़िए मैंने तो बहुत लोग ऐसे देखे हैं कि प्रेत आत्माओं वश में करते हैं प्रेत आत्माओं के साथ काम करना चाहते हैं अब यार जो व्यक्ति खुद कुत्ते की मौत मरा है जीवन में किसी काल में और वह प्रेत है और आप उसकी साधना करके उस प्रेत को अपने डीएनए में अपने मिला लिया अब उसने जीवन में जितने भी पाप किए हैं जितने भी शराब पुण्य भोग जितने भी दर्द पीड़ा किसी उसम और वह आपके डीएनए में ट्रेवल करेगा तो आपको ठीक वही रोग आपको पैदा कर देगा जो रोग उसको थे जो पाप जो विकृतियां उसकी थी वह आपके अंदर पैदा होने लग जाएंगी ठीक है और फिर वह आपसे ट्रेवल करके आपके पुत्र में चली जाएगी आपकी पुत्री में चली जाएगी ठीक है आपकी वाइफ में ट्रेवल हो
जाएगी आपकी वाइफ परेशान रहेगी उसके हड्डियों में दर्द रहेंगे वह कैंसर से पीड़ित हो जाएगी आप कैंसर से पीड़ित हो
जाओगे आप बस दवा खाते रहोगे आपको कोई इलाज नहीं नहीं होगा मानसिक रूप से आप विक्षिप्त हो जाओगे ठीक
है लड़कियों को ताड़ो ग उल्टे सीधे संबंध बनाओगे परा स्त्री को देख कर के अपनी लाड़ टपका होगे और स्त्री है तो पुरुषों को
देखकर लाड़ टपका एगी और यह कहानी सिर्फ स्त्री पुरुष की नहीं है हमारे भारतवर्ष में जितना पुरुष तंत्र मंत्र में शामिल है
उतनी ही स्त्री भी शामिल है और बहुत बड़ा गेम होता है पूरे इंडिया में और सबसे ज्यादा लोग कुल देवताओं के नाम पर भूत प्रेत पिशाच जो आपके पुराने पूर्वजों में रहे उन्हीं को पूज रहा है अरे भाई थे तो वो इंसान और दुखी इंसान ही तो थे पाप भी करते थे अच्छे भी काम करते थे लेकिन दिक्कत यह है कि वह सारी नेगेटिव चीजें ही आपके ऊपर हावी होती है और उनको
देवता बना कर के लोग पूजे जा रहे हैं पूरा कल्चर बना हुआ है पूरा ऐसा पूरा सेटअप बना हुआ है कल्चर का और उन्होंने कैसा अपने डीएनए अपने सिस्टम की धजिया उड़ाई है इसका कोई अंदाजा नहीं है [संगीत] तो होता क्या है यही होता है आप जिसको पूजते हो उसी को पाते हो उसी का दर्द पाते हो उसी का उसी की नकारात्मकता पाते हो उसी की सकारात्मकता पाते
हो तो इसलिए इस तरह की चीजें हालांकि मैं तो देता ही नहीं हूं मैं तो मना कर देता हूं मेरा तो सीधा फंडा है मैंने तो बोल दे
मैं नहीं करता हूं मैं सिखाता ही नहीं हूं मैं ऐसे ऐसे सिखाता हूं आपको सीखना है तो ठीक है तो वो चले जाते हैं लेकिन फिर भी
मैं ऑडियो इसलिए बना रहा हूं कि भाई कम से कम समझ जाओ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मुझसे जुड़े हुए हैं अच्छी खासी साधनाए उन्होने ली हुई है थोड़ी बहुत करते भी है थोड़ी बहुत ही करते हैं ज्यादा नहीं करते हैं ठीक है और काफी लोग अच्छे स्तर पर भी करते हैं लेकिन फिर घुमा फिरा कर कौन दिमाग भर देता है कि वह फिर आ जाते हैं इस मुद्दे पर अरे यार आप अगर कुछ होना चाहते हो कुछ आपके पूरे जीवन का सार क्या है मैं यकीन से कह सकता हूं कि अगर आपके पास जीवन की
हर वो चीज उपलब्ध है जो आप जीवन में चाहते हो आपका अच्छा जीवन चले तो यह साधना वाना जीवन में आप नहीं करोगे कभी नहीं करोगे उठा के फेंक दोगे मंदिर को अपने घर से अगर आपके जीवन में हर वो पर्याप्त चीज आपको मिल जाए जो आप चाहते हो आप चाहते हो आपके पास अच्छी जॉब हो आपकी पत्नी हो आपके अच्छे बच्चे हो कोई बीमारी समस्या ना हो
आप हर दिन खुशी से बनाएं तो इसके लिए आप दुनिया अगर यह सुख आपको मिल गया तो आप दुनिया में किसी भगवान को नहीं मानोगे आप भगवान के सामने सर इसीलिए पटक रहे हो क्योंकि आप इस स्तर पर दुखी हो लेकिन प्रॉब्लम यह है कि भगवान के सामने सर पटक वहां भी नहीं पटक रहे ठीक तरीके से असल में वहां सिर्फ फॉर्मेलिटी के तौर पर पटक
रहे हैं लेकिन फिर घुमा करके इन्हीं चीज को पैदा करने वाली शक्तियों को आप अपनाने लग जाते हो इसी तरह तांत्रिक के पास आप जाने लग जाते हो य कि तांत्रिक के पास गए अब वो टाकनी से काम करता है वह काम करता है किसी प्रेत के माध्यम से वह काम करता है किसी पीर के माध्यम से वह काम करता है किसी और लोअर किस्म की गंदी से गंदी शक्ति के माध्यम से और आप उससे इलाज कराने चले गए आप उससे अपना काम लगवाने चले गए आप उससे कुछ और करवाने चले गए कि मेरा फलाना हो जाए डिमा का हो जाए मैंने तो ऐसे लोग भी देखे जिनका पूरा जीवन सही है तो कुछ नहीं तो वो पहुंच जाते हैं अरे आप यह कर दीजिए तो भैया वो जिस शक्ति से काम करेगा वो आप उससे जुड़ जाओगे वो फिर आपकी बॉडी में आपके डीएनए में ट्रेवल करना शुरू कर दे क्योंकि आपने उसके नाम से सामान दे दिया भोग दे दिया उस व्यक्ति को पैसे दे
दिए कि उसने उस उस एंटिटी के माध्यम से काम किया तो भैया काम तो बाद में हुआ है पहले वो शक्ति आपके डीएनए में आ गई के रा में आ गई अब फिर वही कहानी [संगीत] चालू यार मैं हीलिंग में आपको यह सिखा रहा हूं बार-बार कि अपने औरा को हील करके वो सारी नेगेटिविटी को निकाल दो सारे दोष पाप श्राप सबको निकाल दो उसके अंदर जिस लेयर्स में जितनी दूसरों की कोड घुसली होती है उनको निकाल दो अपने डीएनए पात को सेपरेट करके उसको क्लीन कर दो जिसमें पाप श्राप
दुनिया भर की चीजें बीमारियां आपकी ट्रेवल कर रही है आपके ब्लड में कर रही है आपके ऑर्गन्स में कर रही है लेकिन आप फिर भी वही बीमारी लेना चाहते हो जो बीमारी से आप जूझ रहे हो किस नाम प सिर्फ उसके हल के नाम प कि इसका ये हल
है ये तो एलोपैथ से बदतर इलाज है भाई जसे एलोपैथिक इलाज होता है ना कि आप सर दर्द की दवाई खा रहे हो आपकी किडनी फेल कर रही है ठीक है चलो वो तो कम से कम सर दर्द की दवाई सर तो आराम दे देता है लंबे समय पर
खाओगे तब किडनी फेलो लेकिन यहां तो सर दर्द खत्म होगा सीधा किडनी फेल एक आपका उपाय हो चुका है दूसरा आपका उपाय लग चुका है तो इस तरह के लोगों से बिल्कुल दूर रहिए आप जानते नहीं है कि डीएनए में किस तरह ट्रेवल करके आपके रा में ट्रेवल करके शक्तिया आपको आपके पूरे परिवार को रोगी नकारात्मक एक नंबर का मनुष इंसान बना सकती है जीवन में उसके लक को खत्म कर सकते हैं उसके जीवन को खत्म कर सकते हैं और बहुत बड़े स्केल पर हो रहा है काम बहुत बड़े
स्केल तो जिसको आप साधते हो उसी को पाते हो तो फिर आप इनको क्यों सा दोगे क्या आप इनको पाना चाहते हो आप इन भूत प्रेत को पाना चाहते हो तो ठीक है भाई कर लो आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए आपके पास इंफॉर्मेशन होनी चाहिए वो
मैं वही दे रहा हूं इसीलिए जीवन में उन्ही शक्तियों को पूजना चाहिए शाश्वत है ठीक तो शाश्वत है डिवाइन है ठीक जैसे भगवान शिव शक्ति उनसे रिलेटेड उनके सारे अवतार उनकी सारी स्वरूप भगवान राम भगवान कृष्ण परशुराम हनुमान जी माता
सीता सरस्वती मां य शाश्वत एनर्जी य और भी है ऐसा नहीं कि सिर्फ यही है इन्हीं के माध्यम से भी बहुत सी एनर्जी ऐसी है
जो जो अवतार के रूप में या उनके अंश के रूप में पैदा हुई है उनका भी कर सकते हो कोई प्रॉब्लम नहीं बहुत से होते हैं जैसे
भैरव में भी एक दो भैरव तो है नहीं मुख्य अष्ट भैरव है टोटल 64 भैरव है और हकीकतमें तो उससे भी ज्यादा है उसी तरह से देवी के 10 महाविद्या स्वरूप अलग है उनके नौ स्वरूप अलग है ठीक और उसमें भी अलग-अलग जैसे आठ काली
होती हैं अब आठ में भी कभी कहीं 12 का जिक्र है कहीं कहीं का जिक्र है लेकिन मैं तो कहता हूं कि व उससे भी कहीं ज्यादा
होती है ठीक है तो यह शक्तियां शाश्वत है यह आपके डीएनए में अगर ट्रेवल करेंगे अब आप खुद सोच कि भगवान शिव या भैरव आपके डीएनए में उनकी एनर्जी ट्रेवल करेगी तो क्या वह आपको रोग देके जाएगी जो समस्त संसार के रोग काट रहे हैं जो समस्त संसार को संचालित करते हैं ठीक है वो आपके रोग काटे गी ना कि आपको रोग देगी वह आपके जीवन को सही मार्ग पर लेकर जाएगी ना कि आपके जीवन को नष्ट करेगी वह आपके पाप शराब दोषों को काटे गी ना कि उसको बढ़ाएगी
और आपके डीएनए में आपकी बॉडी में आपके ब्लड में जब वो ट्रेवल करेंगे तो भैया आपके फिर औलाद के डीएनए में ट्रेवल करेंगे तो उनको भी वरदान में वो सिद्धियां व शक्तियां वो एनर्जी मिलेंगी वो प्रार्थना वो जिससे भी करेंगे वो भगवान शिव से करें
उनकी सफल होने लग जाएंगी बीमारिया खत्म होने लग जाए लेकिन दिक्कत यही है दिक्कत यही है कि साधना हों को या फिर पूजा प्रणालियों के साथ इतना ज्यादा खिलवाड़ हुआ है पिछले कुछ समय में कि जिसका कोई अंदाजा नहीं है यकीन मानिए
कि शाश्वत ऊर्जा की पूजा हमारे पूरे देश में ना के बराबर होती है जो होती है वह सिर्फ राजनीति बन चुकी है बाकी और कुछ
नहीं होती है उनकी पूजा होना बंद हो चुका है उनकी सिर्फ त लगी होती है बाकी व पूजा किसी और की चल रही है भग किसी और का चल रहा है ठीक और फिर उसके माध्यम से जो काम होता है भैया व अलग ही लेवल का होता है एक तांत्रिक एक साधक क्यों विक्षिप्त हो जाता है बताइए तांत्रिक या साधक प तांत्रिक का मतलब समझ लीजिए तांत्रिक का मतलब वह नहीं
है जब महारा मोहन उच्चाटन जैसी प्रक्रिया करता है तांत्रिक का मतलब है एक एक ऐसी शख्सियत जो अपने संपूर्ण तंत्र पर
विजय प्राप्त कर चुका हो ठीक तंत्र मतलब सिस्टमैटिक तरीके चलने वाली चीज एक तरह का मैकेनिज्म
जैसे आपके पेट में जो एक पूरा पाचन तंत्र है वह क्या तंत्र है ठीक आपकी जो सांस लेते हो आप तो व क्या व शवासन तंत्र है
ठीक जो पूरे देश में सरकार काम करती है वह राजतंत्र है ठीक जिस व्यवस्था पर वो चीज चलती है जो एक व्यवस्था है वह लोकतंत्र है तो भैया तंत्र नाम का जिक्र तो य कहां कहा लग रहा है बताइए तो तांत्रिक का मतलब आपने यह कैसे समझ लिया कि वह सिर्फ वही होता है नहीं तांत्रिक का मतलब वही है जो अपनी शरीर और अपनी ऊर्जा शरीर को साध कर उसकी
समस्त शक्तियों को जागृत करता है वह तांत्रिक होता है ठीक जो दूसरों के साथ भीय कर सकता है उसको भी सही कर सकता है उसके पात को सही कर सकता उसके संपूर्ण तंत्र को सही कर सकता है ये जितने भी टोने टोटके होते हैं ये सिर्फ क्रियाएं है और कुछ नहीं इसको तंत्र से ना जोड़ो लेकिन अब बोलना भी वही पड़ता है लोग सुनना भी वही चाहते हैं समझ में नहीं आती है ठीक तो तांत्रिक का मतलब बहुत ही शुद्ध है जो अपने समस्त इंद्रियों पर विजय प्राप्त करके या फिर उनको बैलेंस करके जीवन को ऊंचाई की तरफ लेकर चलता है वह तांत्रिक है वह तांत्रिक है बाकी सारी चीजें जो आप करते हो इधर उधर की झाड़ फूक वगैरह वो सिर्फ क्रियाए और कुछ नहीं है ब्लैक मैजिक पर्यर ब्लैक मैजिक इसको आप तंत्र से ना जोड़िए तंत्र का मतलब कुछ और है ठीक तो जो अभी मैंने कहा कि तांत्रिक वो तांत्रिक मैं उनको तांत्रिक बोलूंगा ही नहीं व मैं उसे अल्ट नहीं बोलूंगा मैं उसे
कुछ नहीं बो मैं उसको बोलूंगा कि वो सिर्फ बीमार है मानसिक बीमार है जो इस तरह की शक्तियों को पूज करके अपने दिमाग को विक्षिप्त कर लेता है और लोगों गालिया देता है मैंने ऐसे ऐसे तांत्रिक देखे हैं सॉरी तांत्रिक नहीं क अब क्या करें यार वो
शब्द इतना ज्यादा दिमाग में घुसे दिया है लोगों ने कि छूटता भी नहीं तो वो लोग जो इस तरह की शक्तियों को पूछते हैं वह इतना गिनोना काम करने लग जाते हैं कि अपनी बेटी समान लड़की के साथ उल्टा सीधा काम करते हैं ठीक है दूसरों को
यातनाएं देते हैं दूसरों को छोटी-छोटी बात पर उसके साथ हादसा कर देते हैं उसके ऊपर मारण लगा देते
हैं उसके ऊपर कोई कर्च लगा देते हैं ठीक है अपने काम बनाने के लिए किसी का भी खून बहाना पड़े बहाने लग जाते हैं किसी के साथ कुछ भी गलत करना हो करने लग जाते हैं और दूसरों को दूसरों को भ्रमित करके यह बताकर कि हम तो सिद्ध साधक हैं उनसे अपनी सेवा करवाते हैं उनको गुलाम बना लेते हैं एक तरह से उनके जीवन को नष्ट करने लग जाते
हैं उनका पैसा खाने लग जाते हैं उनका बहुत कुछ का शोषण करने लग जाते हैं तो बताइए मतलब अध्यात्म यानी कि एक ऐसी शक्ति जो आपकी आत्मा का विषय अध्यात्म उसको फॉलो करके एक व्यक्ति आपके धर्म को ही तो बदनाम कर रहा है क्या बदनाम कर रहा है आपके धर्म को बदनाम करता है हमारे धर्म को बदनाम करता है और वह आप बनना चाहते हो वह आप होना चाहते हो तो भैया अध्यात्म यह अध्यात्म का बहुत अध्यात्म तो मैं कहूंगा ही नहीं इसको मैं कहूंगा कि यह बहुत ही लोअर किस्म का लेवल है बिल्कुल गिरा हुआ लेवल है उन लोगों का जो इस तरह की साधनाए कन करते हैं इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं धर्म सिर्फ इंसान को धर्म तंत्र अध्यात्म सिर्फ इंसान को ऊपर उठने का मार्ग देता है ना कि तुम्हारी चेतना को नीचे गिराने का मार्ग देता है जो मार्ग चेतना को नीचे गिराते हैं वह ना तंत्र है ना धर्म है ना अध्यात्म वो कुछ नहीं है सिर्फ मानसिक
कमजोरियां है और एक बीमारियां है जो जो बुरी शक्तियों से निकल कर आकर आपको बीमार कर देती
है ठीक है तो मैं यही कहूंगा कि मेरे पास तो बिल्कुल मत आओ भूत प्रेत पिशाच ठीक है कुछ कुछ साधनाए में कराता हूं लेकिन वोह अपने हिसाब से कराता हूं और उसम बोल देता हूं कि भाई आपको शिव शक्ति की साधना करने अनिवार्य है भगवान शिव की करने अनिवार्य है क्योंकि कुछ एंटिटी ऐसी होती है जो इतना उस तरह की तो नहीं है लेकिन उनको कंट्रोल करना पड़ता है फर भी तो इसलिए मुख्य रूप से आप शिव शक्ति की साधना कीजिए अपने ऊर्जा पात को सही कीजिए आपने अगर
अपना ऊर्जा पात सही कर लिया नो मैटर आप साधक हो नहीं नहीं हो आप पूजा करते हो नहीं करते हो आप कोई बात नहीं आप धूप दीप नहीं जलाते हो अगर आपने किसी प्रकार सेअपने ऊर्जा पात को सही कर लिया तो आपकी आने वाली कितनी पीढ़ियां सही हो जाएंगी ठीक है पहल आपको करनी पड़ेगी और अगर नहीं करने वाले हो नहीं करना चाहते हो तो फिर
आपकी जिंदगी में कितने उतार चढ़ाव आने वाले हैं आपको खुद नहीं मालूम है आप क्याक होने वाले हो भले आप अपने जीवन की इस वक्त जो आपको खुशी मिल रही है आनंद मिल रहा है उसमें आपको अच्छा लग रहा होगा लेकिन वो देख लेना क्या होगा आपके साथ इसलिए मैं आग्रह करता सभी से कि सिर्फ और सिर्फ शाश्वत शक्तियों की पूजा कीजिए बाकी शक्तियां सिर्फ आपको जीवन में आपको भी खराब करेंगी आपकी औलाद को खराब करेंगे आपके कर्म को इतना गंदा कर देंगे कि आप
फिर चीर काल तक इस पृथ्वी पर भूत प्रेत बनक भटको ग फिर आपकी कोई साधना कर लेगा ठीक यही होना है खैर इस पर बहुत बड़ा लेक्चर हो गया तो आज के लिए इतना ही नमस्कार धन्यवाद

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